ब्लाग जगत के लिए भी हो सैंसर बोर्ड का गठन
>> Wednesday, June 2, 2010
गलती से कल देर रात राजकुमार सोनी जी का ब्लाग ‘बिगुल’ खोला और उत्सुकतावश और थोड़ा सा डरते-सहमते उनकी पोस्ट-’ खूनी महल के दरवाजे में प्यासा हैवान और चीखती लाश’ पढने लगा अचानक लाईट चली गई..फिर क्या था ..लगा कि कमरे में रामसे ब्रदर्स के सारे मरे,जले, कटे,गले भूतहा पात्र इकठ्ठा हो गए हैं..हनुमान जी को स्मरण करता हुआ बुदबुदाने लगा..‘भूत-पिशाच निकट नहीं आए महावीर जब नाम सुनावें.’...अपनी धर्मपत्नी को धीरे से आवाज लगाई पर वो तो मानो घोड़ो का पूरा अस्तबल बेच कर सो रही थीं ..मुझे तो वो भी रामसे अंकल की एक कैरेक्टर लगने लगी थी..स्साले मोहल्ले को आवारा कुत्तों को भी तभी अपनी प्रेमिकाओं के याद में जोर-जोर से रोना था..तभी लघुशंका महसूस हुई..आज तो बाथरूम का दरवाजा भी कर्रर्रर्रर्र करता हुआ मुझे डरा रहा था ..सोनी जी की लिस्ट वाली मोमबत्ती भी घर जाने कहां रखी थी..जैसे-तैसे पलंग तक पहूंचा और इतनी गर्मी में भी मुंह ढांक कर सो गया खैर दिन भर की थकान के कारण नींद तो आई पर सोनी जी की पोस्ट के सारे कमीने भूत एक कर के मेरे सपने में आए....किसी ने मुझे नोंचा, किसी ने काटा, कोई मेरा हाथ चबा गया, कोई मेरा पांव..कोई मेरा..... जब हडबडा कर जगा तो गला सूख चुका था ..सबसे पहले अपने शरीर को ठठोल कर देखा..गनीमत सब अपनी जगह पर सही सलामत था। क्या है कि पेशे से कलाकार होने के नाते जो कुछ भी पढ़ता-सुनता हूं दिमाग उसकी कल्पना भी साथ-साथ शुरू कर देता है..यूं तो मैं तीन-तीन जिंदा इंसानों में भारी हूं..और अंधश्रध्दा र्निमूलन समिति का सक्रिय सदस्य भी हूं..पर जब से ब्लाग जगत से जुड़ा हूं और भूतनाथ, भूतनी,चुडैल, जलजला जैसे लोग मेरे ब्लाग में प्रकट होने लगे हैं शैतानी शक्तियों की इस दुनिया में मौजूदगी का अहसास होने
लगा है।
मेरा निवेदन है सोनी जी जैसे महान स्क्रिप्ट राईटरों से -भईया कृपया इस टाईप की पोस्ट के उपर कमजोर दिल वाले इसे न पढ़े जरूर लिखा करें....अन्यथा ब्लाग जगत के लिए भी एक सैंसर बोर्ड का गठन बेहद जरूरी हो गया है। वरना किसी दिन कोई मेरे जैसे भले ब्लागर का ‘हमेशा’ के लिए भला हो जाएगा..।
21 comments:
मेरा भी यही हाल तो मै तो अब तक संभल नहीं पाया हूँ
ब्लाग जगत में भले ही सेंसर बोर्ड का गठन ना हो पर राजकुमार सोनी पर तो सेंसर और साईलेंसर दोनो लगा देना चाहिए:):):)
हा हा हा हा हा कृपया कमजोर दिल वाले राजकुमार सोनी के ब्लाग पर ना जाएं।:):)
अरे भाई मैं इतना खतरनाक भी नहीं लिखता हूं कि मुझ पर सेंसस लगाओ यार, लेकिन अजय सक्सेना वाकई संवेदनशील और थोड़ा कमजोर दिल का मालिक है.. जरा-जरा सी बात पर डर जाता है। एक संवेदनशील कलाकार ऐसा होता ही है।
ji haan bilkul sahi kaha
ab yahan bhi sensar hona chahiye
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
आप तो दन्न से उन प्रेत भूतनियों को भी इन्वाईट कर डालते कि रुको ..अगले बरस तुम सबके कार्टून बनाएंगे भईया और थोडे ही दिनों में पिक्चर भी आ जाएगी । बस फ़िर तो समझिए कि डरना मना है
ब्लाग जगत में बढ़ते अश्लील और अमर्यादित भाषा और संवाद को देखते हुए सेंसर बोर्ड जरूरी है...हांलंकि ये असंभव है...
आज की जगह cartoon बनाने के बजाए आपने व्यंग्य लिखा..मजा आया पढ़ कर...
आज cartoon बनाने के बजाए आपने व्यंग्य लिखा..मजा आया पढ़ कर...
अच्छा व्यंग्य ...
nice
पोस्ट मजेदार है ,,
ब्लाग जगत के लिए भी एक सैंसर बोर्ड का गठन बेहद जरूरी हो to phir blogging ka kya fayda
बहुत सही अजय भाई.. इस विधा में भी माहिर हैं..
बढ़िया व्यंग
वर्मा जी,ललित शर्मा आचार्य जी,राजकुमार सोनी जी,संजय कुमार चौरसिया जी,अजय कुमार झा जी ,nonsense times वाले साहब जी नरोत्तम जी,राजेन्द्र मीणा जी, शेखर कुमावत जी,दीपक 'मशाल'जी,संगीता स्वरूप जी आप सब मेरे ब्लाग मे आए टिप्पणि से नवाजे आप सबका धन्यवाद
बातों बातों में बड़ी बात कह गए
आपने जो अभी बताया हम तो उसी से सहम गए वो भी दिन में
ब्लागों का सर्टिफ़िकेशन भी ठीक रहेगा ताकि U सर्टिफ़िकेट वाले ब्लागर xxx ब्लागों से दूर रह सकें.
आईये जानें ..... मन ही मंदिर है !
आचार्य जी
bhaai ajay sksenaa ji aap to ghzb kaa likhte ho bs gusaarish he gaali dene vaale ko gaali nhin ful dekr apnaa bnaane ki klaa or hemn sikhnaa he kyonki hmaare desh ki nfrt ko hm nfrt se nhin kevl pyaar or pyaar se hi jit skte hen pliz. ise anythaa naa len . akhtar khan akela kota rajsthan meraa hindi blog akhtarkhanakela.blogspot.com pr aapkaa intizaar he
Post a Comment