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मुक्के से 1 मिनट में 111 नारियल फोड़कर बुलंद छत्तीसगढ़ का बुलंद आयोजन

>> Tuesday, August 3, 2010

किसी व्यक्ति या संस्था के लिए अपने कार्यों का आंकलन करना अत्यावश्यक हो जाता है क्योंकि इससे से भविष्य की योजनाएं बनती हैं, भविष्य का पथ प्रशस्त होता है। 1अगस्त को रायपुर में गॉस मेमोरियल सेंटर में बु्लंद छत्तीसगढ अखबार का द्वितीय वार्षिकोत्सव मनाया गया।
इस अवसर पर प्रेस के प्रतिनिधियों का भी सम्मेलन रखा गया था।

 इस अवसर पर श्री राजेन्द्र पांडे अधिवक्ता अलाहाबाद, डॉ अर्चना पांडे, श्री कौशल तिवारी, श्री ललित शर्मा, तपेश जैन,मनोज पांडे श्री अहफ़ाज रशीद, सुश्री संगीता गुप्ता, फ़िरोज खान,एवं प्रेस प्रति्निधि मौजुद थे।    इस अवसर पर अहफ़ाज रशीद, कौशल तिवारी, तपेश जैन,ललित शर्मा, राजेन्द्र पाण्डेय, डॉ अर्चना पान्डेय, संगीता गुप्ता ने अपने विचार प्रगट किए।
बुलंद छत्तीसगढ की तरफ़ से सभी अतिथियों का स्वागत किया गया तथा स्मृति चिन्ह दिया गया। इस अवसर पर पत्रकारिता विषय पर चर्चा हूई।  
  अंतिम में शाबास इंडिया फ़ेम प्रमोद यादव ने 111 नारियल एक मिनट में मुक्के से फ़ोड़ कर दिखाए। करतल ध्वनि से उनके कार्य को सराहा गया।   अंत में अहफ़ाज रशीद द्वारा निर्मित, हमर छत्तीसगढ एव नक्सली हिंसा के खिलाफ़ दो छोटी फ़िल्में दिखाई गयी। दोनो फ़िल्में बहुत प्रभावी हैं। 
 
कार्यक्रम का समापन कौशल तिवारी जी के आभार प्रदर्शन से हुआ। हम बुलंद छत्तीसगढ के बुलंद भविष्य की कामना करते है। 
 
 
अंत में m.verma जी के ब्लाग जज्बात से ली गई एक कविता कौशल भाई के लिए
कब तक
सहमीं रहेंगी
नदी के कगारों से
अजस्त्र धारायें
अवरोधों के उस पार
कहीं तो नवल क्षितिज होगा.
.अन्धेरे के तमाम त्रासदियों को
सहने के बाद
जब भी यह रात ढलेगी;
अंतस के प्राची से
जब भी नूतन भोर झांकेगा,
मैं जानता हूँ
सूरज का महज़ एक तपन
काफी है पिघला देने को
उन गहनतम दीवारों को भी
जो हमें अब तक
बौना बनाये रखे हैं
.सार्थक प्रयत्न
कभी भी निष्फल नही होता
उजास की किरण
देर-सबेर
हम तक भी पहुँचेगी
आखिर कब तक
गर्म हौसलों को
ठंडी बर्फ़ की परतें
छुपा सकती हैं भला
कब तक ........

13 comments:

Unknown August 3, 2010 at 6:39 AM  

pramod yadav ji ka kamaal kaash um bhi dekh pate

Unknown August 3, 2010 at 6:42 AM  

कौशल जी को बधाई...
उजास की किरण
देर-सबेर
हम तक भी पहुँचेगी
आखिर कब तक
गर्म हौसलों को
ठंडी बर्फ़ की परतें
छुपा सकती हैं भला....

Unknown August 3, 2010 at 6:43 AM  

m.verma जी की कविता बहुत शानदार है

nonsense times August 3, 2010 at 6:51 AM  

गाढ़ा-गाढ़ा बधाई...कौशल महाराज को..

nonsense times August 3, 2010 at 7:01 AM  

ललित महाराज को भी बधाई...

nonsense times August 3, 2010 at 7:04 AM  

शाबास इंडिया फ़ेम प्रमोद यादव ने 111 नारियल एक मिनट में मुक्के से फ़ोड़ा ....उनके शानदार कार्य पर बधाई

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून August 4, 2010 at 12:03 AM  

वाह भई, नारियल को लड्डू की तरह फोड़ डाला !

arvind August 4, 2010 at 2:01 AM  

koushalji,pramod yaadav our lalit sharmaa ko badhai.

ASHOK BAJAJ August 5, 2010 at 9:40 AM  
This comment has been removed by the author.
ASHOK BAJAJ August 5, 2010 at 9:42 AM  

आपने बढ़ी अच्छी जानकारी दी ,धन्यवाद

कडुवासच August 6, 2010 at 5:01 AM  

... सुन्दर पोस्ट !!!

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