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' रावण का कद '

>> Sunday, September 27, 2009


3 comments:

M VERMA September 27, 2009 at 4:33 AM  

बजट नही है कोई बात नही राम का कद थोडा घटा दो और रावण का कद बडा कर दो.

Naveen Tyagi October 3, 2009 at 3:28 AM  

घोटाले अरबों -खरबों के यहाँ प्राय होते हैं।
चर्चे उनके चोपालों पर सुबह -सायं होते हैं।
अधिक शोर मचने पर सोती संसद यह जगती है।
आयोग बिठाकर दौलत को चुपचाप हजम करती है

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